सहारनपुर। प्रदेश सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि (8माह) का वित्तविहिन
शिक्षकों को 3 रू.40 पैसे प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिये जाने की
घोषणा करना शिक्षिकों का उपहास उड़ाया गया है, जिसे किसी भी सूरत में
शिक्षक संघ बर्दाश्त नहीं करेगा और अब सरकार से इस अपमान का बदला आगामी
चुनाव में लिया जायेगा।
उ.प्र. मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक
मलिक ने आज गागलहेडी के मोहिद्ीनपुर स्थित एम.एच.जूनियर हाईस्कूल में
आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये। यदि सरकार को आर्थिक राहत और
मानदेय देने के लिए सरकार के पास धन नहीं है सरकार कंगाल हो गयी है या
दीवालियापन निकल गया है तो सरकार में बैठे मंत्री, सांसद व विधायक अपना
वेतन भत्ता छोड़ दें। शिक्षक बिना वेतन के ही सरकार चलाने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि सरकार अब हिटलरशाही पर उतर आयी और प्राइवेट शिक्षकों व
स्कूल संचालकों को अपमानित करने का काम कर रही है, इस सौतेले व्यवहार का
जवाब वह आगामी 02 नवम्बर की शिक्षक पंचायत में देगें और सरकार के खिलाफ
मोर्चा खोलने का काम करेंगे।
मुस्तजार मलिक व तौकिर अहमद ने कहा कि सरकार का कहना है कि स्कूलों में
यदि कोई बच्चा कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो जिला प्रशासन
संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायेगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों के
साथ शशीकान्त शर्मा व डा. नसीम अहमद ने कहा कि सरकार बिजली बिल, स्कूल
टैक्स, वाहन ऋण की किश्तों आदि को माफ करें क्योंकि लॉकडाउन अवधि में
निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति अति दयनीय हो गयी है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए सुलेमान अहमद व विपिन यादव ने कहा कि 2 नवम्बर
से कक्षा 1 से 8 तक स्कूलों को स्वयं ही खोला जाएगा क्योंकि सरकार द्वारा
किसी भी तरह से निजी स्कूल संचालकों व स्टॉफ को कोई राहत पैकेज नहीं दिया
जा रहा है। पिछले आठ माह से निजी स्कूल संचालक व स्टॉफ संघर्षरत है और
भूखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण शिक्षकों की
स्थिति दयनीय होने के बावजूद सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
बैठक की अध्यक्षता नसीम अमहद व संचालन विपिन यादव ने किया।
बैठक में डा.नसीम, मास्टर विपिन यादव, आस मौहम्मद, असकार गौड, शशीकांत
शर्मा, मुस्तजार, पदम सिंह माहीपुरा, मोनिस,उस्मान, सुभाष, सादाब, विनोद
कुमार, हंस कुमार आदि मौजूद रहे।
वित्तविहिन शिक्षकों का उपहास किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं: डा. अशोक मलिक