पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन: पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड


पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, माननीय मुख्यमत्री उत्तराखण्ड एवं श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल, माननीय विधानसभा अध्यक्ष, श्री सुबोध उनियाल माननीय मंत्री, श्री सुनील उनियाल माननीय मेयर देहरादून, श्री हरवंश कपूर, श्री गणेश जोशी, श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री विनोद चमोली माननीय विधायकगण, श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव, श्री बी0पी0 नैनवाल, सेवानिवृत, महानिदेशक तमिलनाडू, श्रीमती रेनुका पट्टू, सेवानिवृत, विशेष महानिदेशक, आसूचना ब्यूरों, श्री अशोक कुमार, महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति एवं फायरमैन मनीष द्वारा किया गया।



माननीय मुख्यमंत्री जी का उद्धबोधन
     आज 21 अक्टूबर पूरे भारतवर्ष में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सम्पूर्ण भारत में पुलिस, अद्धसैनिक पुलिस संगठनों के शहीद हुए पुलिस जनों को श्रृद्धांजलि दी जाती है। आज के ही दिन उन वीर शहीदों को शत्-शत् नमन करते हैं जिन्होंने कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहूति दी ।
उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मियों अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं।  विगत एक वर्ष में भारतवर्ष में 265 अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं, जिसमें उत्तराखंड पुलिस के 6 वीर शहीद हुए हैं। ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत है। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों व अर्द्ध सैनिक बलों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए नतमस्तक हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन हम इन पुलिस कर्मियों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं।
आज पूरा विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करना है। इनसे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने शहीद कोष हेतु रुपए 75 लाख की राशि स्वीकृत करने और सहायक उपनिरीक्षक व निरीक्षक के वर्दी भत्ता में रु0 1000 की वृद्धि की घोषणा की।



पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन
21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 15 हजार फीट ऊॅंचे बर्फीले दुर्गम क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणो की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज के दिन ‘‘पुलिस स्मृति दिवस‘‘ मनाया जाता है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 265 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने जीवन की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-


 राज्य का नाम  शहीदों की संख्या
 आन्ध्र प्रदेश          3
 अरूणाचल प्रदेश 2
 बिहार   9
 छत्तीसगढ़          25
 हरियाणा          2
 झारखण्ड          8
 कर्नाटक         17
 मध्य प्रदेश           7
 महाराष्ट्र           5
 मणिपुर           2
 उड़ीसा   1
 पंजाब   2
 राजस्थान  2
 तमिलनाडू  3
 त्रिपुरा  2
 उत्तर प्रदेश  9
 उत्तराखण्ड़  6
 पश्चिम बंगाल  11
 अण्डमान और निकोबार द्वीप  2
 दिल्ली   11
 जम्मू एण्ड कश्मीर 12
 असम राईफल  3
 बीएसएफ  25
 सीआईएसएफ  7
 सीआरपीएफ  29
 एफएस,सीडी एण्ड एचजी 4
 आईटीबीपी  18
 एमएचए  9
 आरपीएफ  14
 एसएसबी  15
 कुल योग  265                               
इस अवधि में उत्तराखण्ड पुलिस के जिन 06 अधिकारियों/ कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका विवरण इस प्रकार है:-
1. उ0नि0 ना0पु0 माया बिष्ट       जनपद नैनीताल
2. उ0नि0 ना0पु0 नरेश पाल सिंह  जनपद नैनीताल
3. कान्स0 715 ना0पु0 ललित मोहन  जनपद नैनीताल
4. कान्स0 629 ना0पु0 संजय कुमार  जनपद देहरादून
5. कान्स0 149 स0पु0 कैलाश लाल  जनपद ऊधमसिंहनगर
6. कान्स0 चालक नन्दन सिंह   जनपद नैनीताल
 उत्तराखण्ड पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन्।
    देश में शहीद हुए अधिकांश पुलिस कर्मी नक्सली, आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुए है। पुलिस का कार्य 24 घण्टे 365 दिन का होता है। पुलिस थाना कभी बन्द नहीं होता है। प्रतिदिन नये किस्म के अपराध/शान्ति व्यवस्था, आपदा एवं आन्तरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए अधिक चुनौती पेश कर रहे है। 
   पूरा विश्व आज कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्तराखण्ड पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महामारी के नियंत्रण के लिए निरन्तर अथक प्रयास किये जा रहे हैं। इस जोखिमपूर्ण कार्य में हमारे बहुत से अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित भी हुए हैं तथा इस वर्ष शहीद हुए 06 पुलिस जवानों में कान्स0 संजय कुमार कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं। 
    पुलिस की इन्ही जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत आपके नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं जैसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, जीवन रक्षक निधि तथा मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति आदि स्वीकृत की गयी है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एंव उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहते हैं। 



          इस वर्ष गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार पुलिस स्मृति दिवस के साथ-साथ पुलिस झण्डा दिवस (Police Flag Day) भी मनाया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों में झण्डे वितरित किये जायेंगे और वितरण के पश्चात स्वैच्छिक दानदाताओं से प्राप्त धनराशि भारत सरकार द्वारा संचालित National Police Memorial Society (NPMS) को भेजी जायेगी। परिषद द्वारा यह धनराशि पुलिस एवं अद्र्वसैनिक बलों के शहीद अधिकारी/कर्मचारी के परिवार के कल्याण में प्रयोग की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से बचाव सम्बन्धी कार्य में ड्यूटी के दौरान कान्स0 संजय कुमार की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को रू0 5 लाख पुलिस विभाग द्वारा तथा 10 लाख उत्तराखण्ड शासन द्वारा भुगतान किया गया है।  
मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट करना चाहूँगा कि यद्यपि पुलिस विभाग आपके नेतृत्व में सुदृढ़ता से प्रगति के पथ पर अग्रसर है, तथापि कुछ कार्ययोजनायें धन के अभाव के कारण लम्बित हैः-
1-  सहायक उप निरीक्षक(एम) से निरीक्षक स्तर तक के कार्मिकों हेतु प्रति 05 वर्ष में वर्दी भत्ता में रू0 1000-00 की बढ़ोत्तरी।
2- पुलिस कार्मिकों की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल रू0 एक लाख की आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु पुलिस शहीद कोष में रू0 75 लाख अनुदान की स्वीकृति।
   मैं माननीय मुख्यमंत्री को आश्वस्त करना चाहॅूगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से पे्ररणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं उत्साह से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री ने सहायक उप निरीक्षक(एम) से निरीक्षक स्तर तक के कार्मिकों हेतु प्रति 05 वर्ष में वर्दी भत्ता में रू0 1000-00 की बढ़ोत्तरी करने एवं पुलिस कार्मिकों की मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल रू0 एक लाख की आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु पुलिस शहीद कोष में रू0 75 लाख अनुदान की स्वीकृति करने की घोषणा की।


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