सहारनपुर। पहल रंगमंच सहारनपुर ने लाक्डाउन के सभी नियमों का पालन करते
हुए एक बार फिर पारसी नाटक रुस्तम ओ सोहराब का मंचन वेद विहार कालोनी
सहारनपुर स्थित अपने आवास पर किया। लेकिन इस बार इस नाटक का मंचन
पारम्परिक तरीक़े से ना करके पहल रंगमंच ने एक नई पहल करते हुए बच्चों
को लेकर पारसी नाटक का मंचन किया। जिसमें नाटक का निर्देशन कर रहे मुंबई
से आए डॉक्टर साहिल रियाज़ अंसारी ने बताया की सहारनपुर में पारसी नाटक की
शुरुआत 2010 में उनके बड़े भाई एन एस डी पास आउट इम्तियाज़ अहमद ने की थी।
उन्होंने बताया कि लाकडाउन में किए जाने वाले इस नाटक के मंचन की ख़ास
बात ये है की इसमें अभिनय करने वाले सभी पात्र उनके भाईयों और बहनों के
बच्चे है और एक ही परिवार से सम्बंध रखते हैं जिनकी आयु ५ साल से लेकर १४
साल है ।
नाटक में आई मुख्य अतिथि आस्था पब्लिक स्कूल की प्रिन्सिपल श्रीमती सीमा
शर्मा ने कहा की ऐसे समय में जबकि कोविड महामारी के चलते सभी स्कूल और
कॉलेज बंद हैं और बच्चे ऑनलाइन कलासेस अपने घरों में रह कर ही कर रहे
हैं, डॉक्टर साहिल रियाज़ ने इस नाटक का मंचन करके लोगों को ये सन्देश
दिया है कि लाक्डाउन में रहकर , नियमों का पलान करते हुए भी कुछ बेहतर
सोचा और किया जा सकता है। और ये नाटक इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
नाटक में दर्शक के रूप में कालोनी के कुछ लोग और नाटक में अभिनय कर रहे
बच्चों के माता पिता ही उपस्थित रहे।
नाटक का म्यूज़िक इशतीयक अहमद ने दिया। रूप सज्जा एवं गायन अलिशा रियाज़,
फ़रहा इम्तियाज़ एवं साहिल रियाज़, वस्त्र सज्जा शाइस्ता इश्तियाक़, शमा,
शिमाईला, एवं मंच सज्जा मानू, विक्की ने की।
युद्ध सामग्री शानू सिद्दीक़ी ने उपलब्ध कराई।
नाटक में अभिनय कर रहे पात्रों के नाम - रुस्तम - रॉयल सरताज, सोहराब
-अरसलान अंसारी , गर्द आफ़रीद - माहिरा, तहमीना रू हया शमशाद, अफ़रा सियाब
रू मौ अयान, पीलसम -सोहेल सरताज, कनीज़ परी , अता एवं माहिरा, वज़ीर- ओवेश
अंसारी , ओमान माहिर, बारमान साहिर, सिपाही- माज़ 5 वर्ष। नाटक के मंचन
में बच्चों के दादा रियाज़ अहमद ने नाटक मंचन के लिए इस्तेमाल की जाने
वाली सामग्री उपलब्ध करा के अपना विशेष योगदान दिया।
पारसी नाटक रूस्तक ओ सोहराब का मंचन