सहारनपुर। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध
आज में बिजली कर्मचारियों द्वारा कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया
गया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आहवान पर आज घंटाघर स्थित
विद्युत कार्यालय पर बिजली निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों द्वारा
सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए
शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया।
धरने को सम्बोधित करते हुए ए.के.शर्मा ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण
निगम का निजीकरण किसी भी प्रकार से प्रदेश व आम जनता तथा किसानों के हित
में नही है। निजी कम्पनी मुनाफे के लिए काम करती है जबकि पूर्वांचल
विद्युत वितरण निगम बिना भेदभाव के किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को बिजली
मुहैया कराता है। निजी कम्पनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक
उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो
रहा है। ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजीकरण की विफलता को देखते हुए
पूर्वांचल निजीकरण का प्रस्ताव हर हाल में रद किया जाना चाहिए।
नवल किशोर द्वारा कहा गया कि प्रबन्ध द्वारा हठधर्मिता दिखाते हुए उ.प्र.
सरकार की उपस्थिति में पूर्व में 5 अप्रैल 2018 के समझौते का पालन किया
जा रहा है और विद्युत विभाग को अनावश्यक रूप से निजीकरण की तरफ धकेला जा
रहा है। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि आज का शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार
प्रबन्ध व उ.प्र सरकार का ध्यानाकर्शण कराने के लिए है, और हम कर्मचारी
अभी हडताल पर नहीं है।
अजय कनौजिया ने कहा कि पूर्वांचल का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त
नहीं किया जायेगा। और यह उपभोक्ताओं के हिम में नहीं होगा। उनके द्वारा
कहा गया कि विद्युत विभाग आम जनमानस गरीब व किसान को बिना किसी लाभ के
विद्युत आपूर्ति करता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उपभोक्ताओं को अपनी जान जोखिम में डालकर
विद्युत कर्मचारियों द्वारा विद्युत आपूर्ति दी गयी है।
धरने पर अर्जुन सिंह त्यागी, दानिश सिद्दिकी, इंजी. ज्ञान चन्द झा,
पी.के.सिंह, पंकज श्रीवास्तव, इं.प्रमोद कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, पवन
सिंह, दीप कुमार, नितिन कुमार, जय कुमार, अजय खुराना, रोबिन सिंह, अमित
कुमार त्यागी, बसंत कुमार, धर्मवीर, राजन, शनि भाटि आदि मौजूद रहे।