मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने को लेकर दायर दावा बुधवार को सुनवाई के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने वाद चलाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं माना। अब वादी पक्ष इस मामले में अपनी हाईकोर्ट में दायर करेगा।श्रीकृष्ण जन्मस्थान से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने को लेकर श्रीकृष्ण विराजमान, अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ लोगों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की अदालत में दावा दायर किया था। इस मामले में सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई थी। बुधवार सुबह वादी पक्ष के वादी रंजना अग्निहोत्री अन्य वादी और अपने अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन के साथ अदालत पहुंचीं। यहां 11.35 बजे सुनवाई शुरू हुई, करीब 22 मिनट तक सुनवाई हुई। वादी पक्ष ने कोर्ट में कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम है, शाही मस्जिद ईदगाह से समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने किया था। जमीन का मालिक ट्रस्ट है, ऐसे में सेवा संघ को समझौता करने का अधिकार ही नहीं है, समझौता अवैध है, समझौता रद किया जाए। कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया वरशिप एक्ट 1991 यहां लागू नहीं हुआ होता है, क्योंकि 1968 में समझौता हुआ है और उसकी डिक्री 1973 में हुई है। एक्ट यहां लागू नहीं हो सकता है।करीब 22 मिनट तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने ये कहकर दावा खारिज कर दिया कि केस चलाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर वाद खारिज: जाएंगे अब हाईकाेर्ट