संवाददाता- संदीप कुमार
महिला सशक्तिकरण एवं बालिका शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश विद्यालय जगहता गुर्जर ब्लॉक नकुड में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का कार्यक्रम चलाया गया जिसमें बालिका शिक्षा नोडल रोजी राणा ने कहा कि निसंदेह सहजता से हर एक दिन भिन्न-भिन्न भूमिकाएं जीते हुए, महिलायें किसी भी समाज का स्तम्भ है। हमारे आस पास महिलायें ,सहृदय बेटियां, संवेदनशील माताएं, सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभा रहीं है।
लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका को नजरअंदाज करता है। इसके चलते महिलाओं को बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा सहन करना पड़ता है। सदियों से ये बंधन महिलाओं को पेशेवर व व्यक्तिगत ऊंचाइयों को प्राप्त करने से अवरुद्ध करते रहे हैं।
बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों के गिरते लिंगानुपात के मुद्दे के प्रति लोगों को जागरूक करना है इस कार्यक्रम का समग्र लक्ष्य लिंग के आधार पर लड़का और लड़की में होने वाले भेदभाव को रोकने के साथ साथ प्रत्येक बालिका की सुरक्षा, शिक्षा और समाज में स्वीकृति सुनिश्चित करना है |
बालिकाओं की शिक्षा महिला सशक्तिकरण का आधार होनी चाहिए। बालिका शिक्षा नोडल रोजी राणा ने वैश्विक रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए छात्रों, विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा के साथ ही उनके कौशल विकास पर भी बल दिया।
अजय गोस्वामी ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण में प्रगति की प्रचुर संभावनाएं छिपी हुई हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसे कार्यक्रम गेम चेंजर साबित हुए हैं। इन कार्यक्रमों ने लोगों को बालिकाओं की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरित किया है।
विशेष सहयोगी के रुप में मीना मंच, शुभम कर्ता, हिमांशी कटारिया उपस्थित रहे