सहारनपुर। नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि एवं पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लेने वाले वेंडरों से कहा कि यदि लोन देने में बैंक उन्हें अनावश्यक परेशान कर रहे हैं तो वे उसकी शिकायत जिलाधिकारी से करें या उन्हें अवगत करायें, संबद्ध बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करायी जायेगी। उन्होंने सभी पथ विक्रेताओं व रेहड़ी वालों से अपील की है वे कि नगर निगम में आॅन लाईन रजिस्ट्रेशन कराकर अपने परिचय पत्र व प्रमाण पत्र जल्दी प्राप्त कर लें अन्यथा बाद में उन्हें कार्य करने में कठिनाई आ सकती है।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने सभी वेंडरों से कहा है कि वे जनमंच पहुंचकर जल्दी से जल्दी अपना रजिस्ट्रेशन कराकर परिचय पत्र और प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें अन्यथा बाद में उन्हें परेशानी का सामना करना पडे़गा। उन्होंने बताया कि सहारनपुर स्मार्ट सिटी में चयनित है जिसके तहत शहर में विभिन्न क्षेत्रों में वेंडर जोन चिन्हित किये जा रहे हैं, इन स्थानों पर वेंडरों एवं पथ विक्रेताओं को स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन इससे पहले पथ विक्रेताओं और वेंडरों को नगर निगम में अपना पंजीकरण कराना होगा। बिना पंजीकरण कारोबार करते हुए यदि कोई वेंडर पाया जाएगा तो उसका सामान जब्त कर उस पर जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो वेंडर रजिस्टर्ड होंगे उन्हें ही बैंक से लोन मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने रेहड़ी वालों व सड़क किनारे बैठकर रोजी कमाने वाले पटरी कारोबारियों के लिए स्वनिधि योजना शुरू की है।
नगरायुक्त ने कहा है कि यदि कोई बैंक लोन देने में वेंडरों को परेशान कर रहा है तो वे इसकी शिकायत जिलाधिकारी से करें या उन्हें अवगत करायें, सम्बंधित बैंक के खिलाफ कार्रवाई करायी जायेगी। उन्होंने ऋण शर्तो की जानकारी देते हुए बताया कि ऋण वापसी 12 मासिक किस्तों में करनी होगी। समय पर या समय से पूर्व ऋण वापसी करने पर सात प्रतिशत की ब्याज दर में ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि डिजिटल लेन देन करने वाले पटरी कारोबारी को 50 रूपये से 100 रूपये मासिक तक प्रोत्साहन राशि के रूप में कैश बैक दिया जाएगा।