सहारनपुर। बंटवारा होने से छोटे-छोटे टुकड़ों में बँटी जमीन आजीविका के
लिए कम पड़ने तथा भूमिहीनों को आजीविका के लिए शहरों की ओर पलायन करना
पड़ा। शहरों की ओर पलायन करने से ग्रामीण कौशल, ग्रामीण संस्कृति व श्रम
का भी पलायन होने लगा। इसलिए भारत सरकार ने ग्रामीणों का पलायन रोकने के
लिए उनको गाँव में ही रोजगार देने के लिए महात्मा गाँधी राष्ट्रीय
ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम लागू कर प्रत्येक बेरोजगार को वर्ष में
100 दिन का रोजगार देने की व्यवस्था की है।
उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बडे़ पैमाने पर
मानक एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पादित की जा रही है। कोरोना संकट के
दौरान मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार देने वाला उत्तर प्रदेश देश में प्रथम
स्थान पर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोरोना लॉकडाउन
अवधि मंें देश के अन्य प्रदेशों में काम करने वाले कामगारों/श्रमिकों के
वापस उ0प्र0 आने तथा ग्रामीणों के सामने आर्थिक संकट को देखते हुए मनरेगा
के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में काम कराने की अनुमति दे दी। काम कराते
समय सभी श्रमिकों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने तथा
सेनेटाइजर का प्रयोग करना जरूरी कर दिया। अन्य प्रान्तों से लौटे प्रवासी
श्रमिक जिनके पास जॉबकार्ड नहीं था उनके जॉबकार्ड बनाये गये। मनरेगा में
काम मिलने तक उन्हें एक-एक हजार रूपये व खाद्यान्न उपलब्ध कराये गये।
प्रदेश सरकार गाँवों के विकास की गति और प्रवासी श्रमिकों सहित गाँव के
श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश
के प्रत्येक जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों मंे मनरेगा के अन्तर्गत
कार्य कराया जा रहा है। जहाँ गाँवों के निर्माण कार्य तालाबों की खुदाई,
नदियों का पुनरोद्धार, सम्पर्क मार्ग, चकरोड, नाला-नाली, चेकडेम, कूपों
का पुनरोद्धार, भू-समतलीकरण, जल प्रबन्धन, आदि कार्य हो रहे हैं, वहीं
गांवांे के श्रमिकों को रोजगार भी मिल रहा है। प्रदेश में 5.36 लाख से
अधिक निर्माण व अन्य कार्य कराये जा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन अवधि में भी मनरेगा के अन्तर्गत अप्रैल,
2020 से 09 सितम्बर, 2020 तक 94.15 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया
गया, जिसमें लगभग 12 लाख प्रवासी श्रमिक हैं। सभी श्रमिकों को 4515.32
करोड़ रूपए मजदूरी का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया। इतनी बड़ी
संख्या में श्रमिकों को मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार देने वाला उत्तर
प्रदेश, पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। मनरेगा के अन्तर्गत वित्तीय
वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा 26 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य
निर्धारित किया गया था, किन्तु प्रदेश की मानव दिवस सृजन की प्रगति को
देखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रदेश का श्रम बजट 35 करोड़ मानव दिवस कर
दिया है। 9 सितम्बर, 2020 तक विभिन्न कार्यों पर 6295.96 करोड़ रू0 व्यय
करते हुए 22.51 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है। इस वर्ष अब तक 77.95
लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जिनमें 29,479 परिवार
ऐसे हैं जिन्हें 100 दिन का पूर्ण रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा से
प्रदेश में ग्रामीण विकास और रोजगार का सृजन हो रहा है।
सहारनपुर की कुल 887 ग्राम पंचायतो मे 74310 परिवारांे के 89458 श्रमिको
को 1481167 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है जिनमे अनुसुचित जाति
जनजाति के 35447 परिवारों को 676966 मानव दिवस तथा 31953 महिलाओं को
483418 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जनपद में 1787 प्रवासी
श्रमिको को उनकी मांग के आधार पर 15883 मानव दिवसांे का रोजगार उपलब्ध
कराया गया है जिसके लिए उन्हें 31 लाख 92 हजार 483 रूपए का भुगतान किया
गया है। उक्त श्रमिको को उनकी ग्राम पंचायत मे ही मनरेगा अन्तर्गत
अनुमन्य कार्याे यथा तालाब जीर्णाेद्वार, नाला निर्माण, चकरोड निर्माण,
भूमि सुधार , वृक्षारोपण आदि कार्याे पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
सहारनपुर जनपद मे कार्यदायी विभागो को मनरेगा कर्न्वेजन्स के माध्यम से
806.076 लाख रूपए के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये है, जिसमे वन विभाग के
27.894 लाख रूपए के प्रस्ताव, सिंचाई विभाग के 99.293 लाख रूपए के
प्रस्ताव, लोक निर्माण विभाग के 457.645 लाख रूपए के प्रस्ताव, उघान
विभाग के 124.878 लाख रूपए के प्रस्ताव, कृषि विभाग के 16.852 लाख रूपए
के प्रस्ताव, लघु सिंचाई के 61.382 लाख रूपए के तथा रेशम विभाग के 18.132
लाख रूपए के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये है। इन प्रस्तावों के सापेक्ष वन
विभाग के द्वारा 1.10 लाख रूपए का व्यय, सिंचाई विभाग के द्वारा 74.05
लाख रूपए का व्यय, लोक निर्माण विभाग के द्वारा 206.083 लाख रूपए का
व्यय, कृषि विभाग के द्वारा 6.00 लाख रूपए का व्यय, तथा लघु सिंचाई के
द्वारा 1.439 लाख रूपए का व्यय तथा उघान विभाग के द्वारा 9.617 लाख रूपए
का व्यय, किया गया है।
कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा के अन्तर्गत श्रमिकों को रोजगार देने वाला उत्तर प्रदेश, पूरे देश में प्रथम स्थान पर