सहारनपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता द्वारा उप कारागार देवबन्द में वर्चुयल विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। वर्चुयल विधिक साक्षरता शिविर में श्रीमती सुमिता सचिव ने कारागार में निरूद्ध बन्दियो को उनके मौलिक कर्तव्यों एवं अधिकारों के बारे में जानकारी दी। उन्हे संविधान में दिये गये मौलिक कर्तव्यो की शपथ दिलाई गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री सर्वेश कुमार
के मार्गदर्शन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी एक्शन प्लान
के अनुपालन में श्रीमती सुमिता उप कारागार देवबन्द में बन्दियों को उनके
अधिकारों के बारे में बता रही थी। उन्होने बताया कि बन्दियों को कारागार
में रहते हुए कुछ मौलिक अधिकार प्राप्त है जैसे गिरफ्तारी के समय
सम्बन्धितजनों को सूचित करने का अधिकार, निशुल्क विधिक सहायता का अधिकार,
स्वास्थ्य पोषण का अधिकार, त्वरित विचारण का अधिकार आदि तथा (म्यामार) एक
विदेशी बन्दी पासपोर्ट अधिनियम के तहत वहां 30 माह से बंद है उसने
निशुल्क विधिक सहायता हेतु प्रार्थना की जिसके आवेदन को अविलम्ब भेजने
हेतु जेल प्रशासन देवबन्द को निर्देशित किया।
श्रीमती सुमिता ने जेल प्रशासन को निर्देश दिये कि बन्दियों को मानसिक
स्वास्थ्य के लिये प्रेरणास्पद बाते बताये साथ ही जीविकोपार्जन हेतु
उन्हे तकनीकि/व्यावसायिक प्रशिक्षण दे ताकि वे कारागार से बाहर आने पर
स्वय को जिम्मेदार नागरिक बन सके इस सम्बन्ध में जेल प्रशासन ने अवगत
कराया कि अभी तक जिला उपकारागार में ऐसी कोई व्यवस्था नही है, इस सम्बन्ध
में छळव् से बात चल रही है तकनीकी व व्यवसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध
कराने का प्रयत्न किया जायेगा। बन्दियों ने शिक्षण की व्यवस्था/लाईब्रेरी
न होने की समस्या भी बताई इस सम्बन्ध में जेल प्रशासन ने कहा हमारे पास
संसाधन नही हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव द्वारा बताया गया कि यदि किसी बन्दी के
पास अधिवक्ता नही है तो वह उसका प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा
प्राधिकरण के कार्यालय में जिला कारागार सहारनपुर की सहायता से भिजवाये
उन्हे तत्काल ही निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करा दिया जायेगा। उप कारागार
देवबन्द में 04 बन्दी कोरोना संक्रमित है उन्हे अलग रखकर उपचार किया जा
रहा है। वर्चुयल विधिक साक्षरता शिविर में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव
के बारे में महत्वपूर्ण जानकाारियॉ बन्दियों को दी गयी, उन्होने बन्दियों
को समय समय पर हाथ धोने, मास्क पहनने और सामाजिक दूरी के निर्देशों का
पालन करने का निर्देश दिया। विधिक साक्षरता शिविर में जेलर उप कारागार
देवबन्द ने अवगत कराया कि कारागार में बन्दियों के उपचार हेतु किसी
चिकित्सक एवं फार्मेसिस्ट की नियुक्ति नहीं है जिस कारण स आकस्मिकता में
तुरन्त बन्दियों के उपचार हेतु अन्य स्थान पर जाना पडता है।
सचिव ने जेलर उप कारागार देवबन्द से ऐसे बन्दियों की सूची उपलब्ध कराने
के भी निर्देश दिये जिन्होने संबधित अपराध में पा्रविधानित कुल सजा की
आधी सजा जेल में बिता ली है और उनको दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 436-ए
का लाभ प्राप्त हुआ है अथवा नहीं। शिविर में 10 बन्दियों ने प्रतिभाग
किया उन्हें प्ली बारगेनिंग के प्राविधान के बारे में विस्तार से बताया
गया। साथ ही बन्दियों से अपील की कि वह 15 अक्टूबर व 30 अक्टूबर 2020 को
आयोजित होने वाली जेल ई-लोक अदालत में अपना मामला निस्तारण हेतु स्वेच्छा
से प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।
कारागार में निरूद्ध बन्दियो को मौलिक कर्तव्यों एवं अधिकारों के बारे में दी जानकारी: श्रीमती सुमिता