सहारनपुर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए डा.नारायण सुब्बा राव हेडकर
द्वारा गठित कांग्रेस सेवादल को संजीवनी बूटी माना जाता था। राजनीतिक,
सामाजिक एवं संगठनात्मक स्तर पर जब भी कोई संकट कांग्रेस पर आया, सेवादल
के स्वयंसेवकों ने अपने कौशल व रणनीति के दम पर उससे उबार दिया। परन्तु
मौजूदा समय में एक षडयंत्र के तहत कांग्रेस की संजीवनी बूटी इस सेवादल को
संगठन में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ नेता मट्ठा डालकर सुखाने का काम करने
में लगे हैं। सेवादल के कमजोर होने का सीधा असर भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस की सियासी जमीन एवं शीर्ष नेताओं की जनसभाओं के दौरान व्यवस्था
व सुरक्षा बनाने पर पड़ रहा है। कांग्रेस सेवादल की स्थापना के बाद से यिम
रहा कि सेवादल के जिला, ब्लाक, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर के पदों पर
जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण प्राप्त कायकर्ता
को ही नामित किया जाएगा, परन्तु जबसे गुजराती बन्धु भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस के कुुबेर पद पर विराजमान हुए हैं तब से उक्त् सभी कायदे कानून
सेवादल में पदों के चयन को ताक पर रख दिये गये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री
पं.जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी एवं पूर्व
प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जनसभाओं, रैलियों व भ्रमण कार्यक्रमों के
व्यवस्था व सुरक्षा का दायित्व शासकीय सुरक्षा बलों पर कम जबकि कांग्रेस
सेवादल के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों पर ज्यादा होता है। कांग्रेस के शीर्ष
नेता भी सेवादल के अनुशासित सिपाहियों को पूरा स्नेह व सम्मान देते थे।
उस जमानें में पार्टी नेताओं की जनसभाओं में चारों सफेद गांधी टोपी लगाये
गणवेश धारी सेवादल के स्वयंसेवक दिखाई देते थे। लेकिन आज जब भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी केन्द्र समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा,
उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश एवं बिहार में सत्ता से बाहर है, केन्द्र सहित
देश के अन्य प्रान्तों में कांग्रेस को दोबारा से सत्ता में लाने के लिए
पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एवं राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर
प्रदेश की संगठनात्मक प्रभारी प्रियंका गांधी, किसान,मजदूरों की समस्याओं
के साथ ही हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे
हैं, परन्तु इन शीर्ष नेताओं की संघर्ष यात्राओं में कही भी कांग्रेस
सेवादल के सफेद गांधी वादी टोपी धारी स्वयंसेवक नदारद रहते हैं। यही वजह
है कि कहीं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को जमीन पर गिरा दिया
जाता है और कही पुलिस का अधिकारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का
कुर्ता खींचने की हिमाकत करता है। अगर कांग्रेस सेवादल के प्रशिक्षित
कार्यकर्ताओं का सुरक्षा घेरा इन दोनों नेताओं के साथ होता तो शायद उक्त
घटनाएं न हो पाती। लेकिन दिलचस्प यह है कि इस मौके पर उत्तर प्रदेश
कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक प्रमोद पाण्डेय, राष्ट्रीय मुख्य ंसंगठक
लाल जी देसाई तथा इनके दल के स्वयंसेवक भी गायब रहे। एक तरह से देखा जाए
तो वर्तमान समय, कांग्रेस सेवादल सिर्फ 26 अकबर रोड स्थित कार्यालय की
फाईलों में ही रेंग रहा है। ऐसे संगठन हित में आवश्यक है कि या तो
कांग्रेस हाईकमान गहन समीक्षा व आंकलन के बाद सेवादल को समाप्त कर दे
अथवा कांग्रेस को इस संजीवनी रूपी बूटी संगठन को नये सिरे से गठित कर
सेवादल की कमान राज्य व राष्ट्रीय का प्रशिक्षण प्राप्त निष्ठावान तथा
ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को सौंपने का फैसला भारतीय राष्ट्रीय कांग्र्रेस
तथा देश हित में ले। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब डा. नारायण सुब्बा राव
हेडेकर के सपनों का कांग्र्रेस सेवादल नेस्तानाबूद हो जाएगा।
कांग्रेस की संजीवनी सेवादल को जमींदोज करने का खेल कर रहे कुछ शरारती तत्व