सहारनपुर। हाथरस गैंगरेप काण्ड के विरोध में आज वाल्मीकि समाज के सैकड़ों
लोग नगर निगम प्रांगण में एकत्रित हुए और मनीषा के हत्यारों को फांसी की
सजा दिये जाने की मांग को जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। वाल्मीकि
समाज का गुस्सा इतने पर ही शांत नहीं हुआ। भारी संख्या में वाल्मीकि समाज
की महिलाएं व पुरूष चौक घंटाघर पहुंचे और जाम लगा दिया। पुलिस प्रशासन के
आला अधिकारियों के भारी मान मुन्नवल के बाद ही जाम खुलवाया। यातायात
व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के
वरिष्ठ नेता सोनी आजाद ने कहा कि सरकार मनीषा के हत्यारों को फास्ट टैªक
कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर फांसी की सजा सुनाने का काम करे अन्यथा
वाल्मीकि समाज एकजुट होकर सफाई कार्यों से विरत रहेगा। जब तक मनीषा के
परिजनों को न्याय नहीें मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा।
सोनी आजाद ने वाल्मीकि समाज को सम्बोधित करते हुए कहा कि गत 14 सितम्बर
को हाथरस में मनीषा वाल्मीकि के साथ ठाकुर जाति के 04 युवकों द्वारा
मनीषा को जबरन खेत में खींच लिया गया और इन चारों हैवानों ने हैवानियत की
सारी हदें पार कर जो क्रूरता के साथ रेप व हत्या कांड को अंजाम दिया गया
उसमें पूरे देश में दलित वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। उत्तर प्रदेश में
दलितों के प्रति बढ़ रही
अपराधिक घटनाओं से दलित अपने आपको असुरक्ष्ज्ञित महसूस कर रहा है। हाथरस
के पुलिस प्रशासन अपने राजनैतिक आकाओं के दबाव में आकर रेप व हत्याकांड
को दबाने की कोशिश कर रहा है। जिससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार व
प्रदेश प्रशासन दलित समाज का शोषण कर रहा है। उक्त प्रकरण की सीबीआई जांच
करायी जाये तथा पीडित परिवार को एक करोड़ रूपये मुआवजा व सरकारी नौकरी तथा
मामले को फास्ट टैªक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाये। मुकदमा पूरा न होने तक
पीडित परिवार को सुरक्षा मुहैया करायी जाये। एक असलहा लाईसेंस जारी किया
जाये व चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलायी जाये।
कु.मनीषा वाल्मीकि को जब तक न्याय नहीं मिलता है तो हमारा आंदोलन जारी
रहेगा।
प्रदर्शनकारियोें में मुख्य रूप से धीरज आजाद, ब्रजमोहन चनालिया, राजकमल,
दिनेश कल्याण सरसावा, जसबीर वाल्मीकि देवबंद, प्रवीण गंगोह, सोनी राज,
निरंजन घावरी नकुड, अनिल शेरा, अमन प्रधान रामपुर, साथी लक्ष्मण सिंह,
अशोक तेश्वर, विकास चंचल, रोहित पेहवाल, नीरज, सोमपाल, अनुुज बोहत, गौरव,
सुनील रत्नाखेडी, महेन्द्र, सतीश आदिवाल, कुलदीप ढिलोड सहित भारी संख्या
में समाज के लोग मौजूद रहे।