सहारनपुर। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने दुनिया
को सिखाया है कि शांति का मार्ग अपनाकर भी आजादी पाई जा सकती है। उनका
मानना था कि हिंसा का रास्ता चुनकर हम कभी अपने अधिकार नहीं पा सकते।
अहिंसा की राह पर चलकर ही राष्ट्रपिता ने दक्षिण अफ्रीका में करीब 75
हजार भारतीयों को उनके अधिकार दिलाने का ऐतिहासिक कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी का मानना था कि हर कार्य की अपनी
एक गरिमा है और हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष
प्राप्त होता है। देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी,
बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
अखिलेश सिंह आज यहां कलेक्ट्रेट सभागार में महात्मा गांधी व लाल बहादुर
शास्त्री जी के जयंति के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गांधी जी व लाल बहादुर शास्त्री जी दृढ निश्चय वाले थे।
लाल बहादुर शास्त्री अपनी योग्यता के आधार पर भारत के प्रधानमंत्री बने।
हम लोग उनके विचारों को अपने जीवन में कितना उतार सकते है यह देखने की
बात है। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों
की सेवा में समर्पित कर दिया था। शास्त्री जी का जन्म उत्तर प्रदेश के
मुगलसराय में दो अक्टूबर, १९०४ को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर
हुआ था। देश की आजादी में लाल बहादुर शास्त्री जी का खास योगदान है। साल
१९२० में शास्त्री जी ने भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे।
स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही,
उनमें १९२१ का असहयोग आंदोलन, १९३० का दांडी मार्च और १९४२ का भारत छोड़ो
आंदोलन उल्लेखनीय हैं। शास्त्री जी ने ही देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का
नारा दिया था।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 में सभी कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने
अपना-अपना कार्य बखूबी निभाया। मैं कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों को बधाई
देता हूं। यदि कोई व्यक्ति अपना कार्य करवाने आता है तो सही मार्गदर्शन
देना भी उसकी सहायता होगी। जब आप संतुलित व्यवहार करेंगे तब आप अपना
अच्छा समय व्यतीत करेंगे। हमारे पटल से संबंधित जो भी कार्य होंगे उसे
निष्ठापूर्वक करें। हम लोगों की कोशिश रही है कि ज्यादा से ज्यादा समय
कलेक्ट्रेट को दें। कोई भी जरूरी फाइल रूकनी नही चाहिए। साफ-सफाई बाहरी
और आन्तरिक दोनो करनी चाहिए। कलेक्ट्रेट में कर्मचारी अपने कार्यों को
निष्ठापूर्वक निभाएं। हम लोग सिस्टम के अनुरूप कैसे कार्य कर सकते है यह
सोचने का प्रश्न है।
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) श्री एस0बी0सिंह ने कहा कि आज गांधी जयंती के
अवसर पर मै सभी को बधाई देता हूं। गांधी जी के पांच सिद्धान्त है। जो
उन्होेने अपने जीवन में उतारे। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और
ब्रहमचर्य को अपनाएं। जीवन के सारे पहलू इसी से ठीक होते है। मै न्याय
करता हूं। भले ही कहीं दिक्कत आने पर उसे डिले कर दिया हो पर मैने न्याय
किया। हम लोग अपने आप को आडिट करें, तब कार्य करें।
अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि सर्वप्रथम मैं इन
दो महान विभूतियों को नमन करता हूं। आपने इनके किन विचारों को आत्मसात
किया यह आप स्वयं परीक्षण करें। मैं सहारनपुर आने के बाद कोविड-19 में लग
गया। जो भी कार्य हो सत्य पर किया जाए। स्वच्छता, अहिंसा, सत्य को अपने
जीवन में लाने का प्रयास किया। अहिंसा हमारा परम धर्म है। मैने कभी ऐसा
कार्य नही किया जिससे किसी को दुख हो। मैं कलेक्ट्रेट कर्मचारियों से
कहूंगा कि आपके पटल पर जो कार्य हो जाए तो संबंधित को फाइल दे दें और
मृदुभाषी रहें। उनकी बात धैर्यतापूर्वक सुनें। और कार्य का निस्तारण समय
से करें।
सिटी मजिस्ट्रेट श्री सुरेश कुमार सोनी ने कहा कि 02 अक्टूबर में गांधी
जी व लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिन मना रहे है। महात्मा गांधी जी
का सिद्धान्त सत्य, अहिंसा का तथा लाल बहाुदर शास्त्री जी का जय जवान जय
किसान का रहा है।
डिप्टी कलेक्टर श्री पूरण सिंह राणा ने कहा कि हम दोनों नेताओं को नमन
करते है। इन्होने जो कहा उसे अपने जीवन में उतारा है। तब उन्होने यह बात
कही। समय की पाबंदी जरूरी है। जो लोग हम पर विश्वास करते है वो उस पर खरे
उतरें। अपने आस-पास स्वच्छता व स्वदेशी को अपनाएं। इस मौके पर मुख्य
कोषाधिकारी सत्येन्द्र सागर, सहायक निदेशक सूचना अवधेश कुमार, सहायक जिला
निर्वाचन अधिकारी आलोक शर्मा,जसबीर सिंह,अनिल शर्मा, संजय शर्मा, मनीष कुमार, सरोज, विजय गर्ग, अनिफ, मदन, सहित कलेक्ट्रेट कर्मचारी मौजूद रहे।
गांधी जी ने सिखाया कि शांति का मार्ग अपनाकर भी आजादी पाई जा सकती है: जिलाधिकारी हर कार्य की अपनी एक गरिमा है: अखिलेश सिंह