सहारनपुर। देवी राधिका ने कहा कि धर्म की रक्षा हेतु प्रभु समय-समय पर
अवतार लेते रहते हैं।
देवी राधिका राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में
संचालित श्रीमद भागवत कथा में श्रद्धालुओं पर अमृत वर्षा कर रही थी।
राधिका जी ने कहा कि सृष्टि पाप एवं पुण्य में विभक्त है, जब पुष्प श्री
क्षीण होकर पाप का अधिक्य होता है तो धर्म संकट में आ जाता है। इसलिए
धर्म की रक्षा हेतु ही प्रभु अवतार धारण कर धर्म को पुर्नस्थापित करते
हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण अर्थात सृष्टि का समस्त सात्विक भाव जो
केन्द्रीत होकर सम्पूर्ण आकर्षण को धारण करता है वही अधर्म पथ का नाश कर
धर्म का पुर्नउत्थान करता है। जीव में भी पाप पुण्य के असंतुलन के कारण
ही सुख-दुःख की स्थिति रहती है, परंतु श्री हरि की शरणागति होने पर
ब्रहमभाव के सुख की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर स्वामी कालेन्द्रानंद, अरूण स्वामी, गीता, वर्षा, बबीता,
बाला, अश्वनी काम्बोज, अन्जा, रीता, सरलेश, किरण आदि मौजूद रहे।
धर्म की रक्षा हेतु प्रभु लेते हैं अवतार: देवी राधिका