संवाददाता- संदीप उपाध्याय, सहारनपुर।
सहारनपुर: उ.प्र.. मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के
प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार निजी स्कूल
संचालकों व छात्र-छात्राओं का शोषण करने पर उतारू है। सरकार द्वारा बोर्ड
के नाम पर 700 रूपये की उगाही की गयी है, जबकि स्टेशनरी खर्च में सिर्फ 7
रूपये का भी खर्च नहीं आता है। ऐसी सरकार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त
नहीं किया जायेगा।
श्री मलिक आज यहां पुंवारका स्थित जय भारत इण्टर कालेज में आयोजित एक
कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी 02 नवम्बर को
निजी स्कूल संचालकों की एक शिक्षक महापंचायत हकीकत नगर स्थित धरना स्थल
पर आयोजित की जाएगी जिसमें सरकार से आर-पार की लडाई लड़ी जाएगी। उन्होंने
कहा कि 2 नवम्बर से कक्षा 1 से 8 तक स्कूलों को स्वयं ही खोला जाएगा
क्योंकि सरकार द्वारा किसी भी तरह से निजी स्कूल संचालकों व स्टॉफ को कोई
राहत पैकेज नहीं दिया जा रहा है। पिछले आठ माह से निजी स्कूल संचालक व
स्टॉफ संघर्षरत है और भूखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक
तंगी के कारण शिक्षकों की स्थिति दयनीय होने के बावजूद सरकार इस ओर कोई
ध्यान नहीं दे रही है।
धर्मेन्द्र मलिक व ऋषिपाल सैनी ने कहा कि सरकार हिटलरशाही पर उतारू हो
गयी है। सरकार ने जो फरमान निजी स्कूलों के खिलाफ जारी किया है उसे निजी
स्कूल संचालक बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार का कहना है कि स्कूलों में यदि
कोई बच्चा कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो जिला प्रशासन संचालकों
के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायेगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों के साथ
अन्याय है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
पूरण सिंह व अब्दुल गफ्फार ने कहा कि सरकार बिजली बिल, स्कूल टैक्स, वाहन
ऋण की किश्तों आदि को माफ करें क्योंकि लॉकडाउन अवधि में निजी स्कूलों की
आर्थिक स्थिति अति दयनीय हो गयी है। बैठक की अध्यक्षता धर्मेन्द्र मलिक व
संचालन ऋषिपाल सैनी ने की।
बैठक में विनोद कुमार, धर्मेन्द्र, दीपक सैनी, संजय शर्मा, ऋषिपाल, सुभाष
चन्द, हंस कुमार, के.पी.सिंह, शशिकान्त शर्मा, पूरन, अब्दुल गफार, विपिन
कुमार आदि मौजूद रहे।