सहारनपुर। राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में
नवरात्रि पर्व पर अष्टमी पूजन के उपलक्ष में कन्या पूजन अवसर पर स्वामी
कालेन्द्रानंद महाराज ने कहा कि कन्या स्वयं भगवती स्वरूपा है।
श्रीरामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वावधान में आयोजित शारदीय नवरात्रि
महोत्सव में दुर्गा अष्टमी पूजा पर कन्या रूप में मां भगवती की पूजा की
गयी। देवी स्वरूप कन्याओं के स्वामी कालेन्द्रानंद महाराज ने गंगा जल से
चरण को पखार कर तिलक कर रक्षा सूत्र बांधकर सब कन्याओं को भोग प्रसाद
अर्पण कर आरती उतारी गयी।
नौ दुर्गा अष्टमी पूजन अवसर पर स्वामी कालेन्द्रानंद महाराज ने प्रवचन
करते हुए कहा कि मां भगवती जगत जननी स्वयं कन्या स्वरूप में नौ रूपों में
समाई हैं, सनातन परम्परा में स्त्री को मां स्वरूप माना गया है, परन्तु
आधुनिक परिवेश में कन्याओं के प्रति जो घोर अत्याचार अनाचार देखने में आ
रहा है, वह विनाकारी एवं महापतनकारी है।
महाराज ने कहा कि जिन कन्याओं को मां बनाकर पूजा जाये व्यस्क होने पर
उन्हें वासना की दृष्टि से देखना सनातन परम्परा नहीं बल्कि नर पिसाच एवं
दानवी मानसिक विकृति से ग्रसित है।
उन्होंने कहा कि कन्या,गाय और गंगा का स्तित्व ही सनातन का मूल आधार है।
इन सभी के संरक्षण का संकल्प हम सभी को लेना चाहिए। इस अवसर पर नरेश
चंदेल, अरूण स्वामी, मेहर चंद जैन, राजेन्द्र कुमार, गीता, सुचेता,
कविता, उमा, मुनेश कुमार, रोमा, रेखा आदि मौजूद रहे।
भगवती स्वरूपा हैं कन्याएं: कालेन्द्रानंद