सहारनपुर। दस्तक़ एजुकेशनल सोसायटी वाल्मीकि कालोनी खाताखेड़ी में बेटी
दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दानिश सिद्दीकी महासचिव
उर्दू तालिमी बोर्ड ने संबोधन में कहा कि बेटियां भी बेेटों से पीछे नहीं
है। बेटियों को समान अधिकार मिलने से बेटियां भी मां-बाप का नाम रोशन कर
रही है। उन्होंने कहा कि बेटियां बेटों से ज्यादा अपने माँ बाप की सेवा
करती है। वह समाज को सशक्त कर रहीं हैं। बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में
भी अब पीछे नहीं है। माँ बाप में भी बेटियों को आगे बढ़ाने के प्रति
जागरुकता आई है। मां-बाप बेटियों में आत्मविश्वास पैदा करें। बेटियां भी
अपराध को बदनामी के डर से छिपाएं नहीं, बल्कि डटकर मुकाबला करें। लड़का और
लड़की में भेदभाव नहीं करना चाहिए, क्योंकि आज बेटियां हर क्षेत्र मेें
बेटों की बराबरी कर अपने माँ बाप का नाम रोशन कर रही हैं। हर माँ बाप को
अपनी बेटी को उचित शिक्षा देनी चाहिए। तभी बेटियां सफल होकर अपने माँ बाप
का मान बढ़ाएंगी। बेटियां आत्मनिर्भर बनेंगी, तो देहज और बाल विवाह जैसी
समस्या खुद व खुद समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सभी का
समान अधिकार है। सुरक्षा की दृष्टि से भी अब हमारी बेटियां बेफिक्र है।
दस्तक़ सोसायटी की अध्यक्ष सल्तनत प्रवीन ने कहा कि आधुनिक समाज में भी
लोग बेटा और बेटी में अंतर करते हैं। तमाम बंदिशों के बाद भी बेटियों की
सफलता हैरान करने वाली है। सभी परीक्षाओं में बेटियों का प्रदर्शन बेहतर
नज़र आता है। इसलिए लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। जिस प्रकार
लोग बेटा पर प्यार लुटाते हैं, उसी प्रकार बिटिया को लाड़ करना चाहिए।
बेटी को उन्मुक्त गगन दें। उसके उड़ान पर बंदिश नहीं लगाएं। एक दिन बिटिया
आपका सर गर्व से ऊंचा कर देगी। इस अवसर पर सुशील
कुमार,शाज़िया,सबीहा,शबनम, नाज़िया वालिया आदि ने विचार व्यक्त किये।
समाज बेटियों के प्रति सोच में परिवर्तन लाएं:दानिश
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