घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने देश के जीडीपी अनुमानों को घटा दिया है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में 11% तक की गिरावट दर्ज की सकती है. एजेंसी ने इससे पहले जीडीपी में 9.5% की गिरावट का अनुमान लगाया था. इक्रा ने अपने अनुमान में बदलाव करते हुए कहा कि देश में हर दिन सामने आने वाले कोरोना के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के मुश्किल दौर से बहुत जल्द बाहर निकलने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए आर्थिक वृद्धि के आधिकारिक आंकड़े आने के बाद कुछ विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 14% तक की गिरावट की बात कही है. पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9% की गिरावट हुई है. इक्रा ने कहा कि छोटे व्यवसायों और अनौपचारिक क्षेत्र के आंकड़े आने के बाद चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े नीचे की ओर संशोधित हुए तो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी गिरने के अनुमान बदतर हो सकते हैं.
रेटिंग एजेंसी ने दूसरी तिमाही के लिए 12.4% गिरावट के अनुमान को बनाए रखा है. इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि भारत में छह महीने से अधिक समय तक वैश्विक महामारी जारी रहने के बाद अब इकोनॉमिक कंपोनेंट संकट से सामंजस्य बैठा रहे हैं. इससे वैश्विक महामारी के बीच आर्थिक हालातों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के साथ यह स्थिति हमारे पिछले अनुमानों के मुकाबले लंबे समय तक बनी रह सकती है. इक्रा ने तीसरी और चौथी तिमाहियों के लिए अपने अनुमानों को संशोधित किया है.