नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा कि लॉक डाउन के पहले 10 दिन के दौरान 3 अप्रैल तक उसके अधिकारियों ने 10,000 से अधिक नए पंजीकरण तथा करीब 8000 रिफंड के आवेदनों को अपने स्तर पर जांच व निपटान किया है। इन अधिकारियों ने इस दौरान वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के जरिए काम किया। जीएसटीएन ने बयान में कहा कि उसने विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के कर अधिकारियों को बंद के दौरान कार्यालय नेटवर्क तक पहुंच उपलब्ध कराई। अधिकारियों ने इसके लिए आग्रह किया था। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च, 2020 तक 18 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 1,748 कर अधिकारियों को वीपीएन के जरिए कार्यालय तक पहुंच उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा तीन पहाड़ी राज्य पहले ही वीपीएन के जरिए जीएसटी प्रणाली से जुड़े हुए हैं। जीएसटीएन ने कहा कि 25 मार्च से 3 अप्रैल तक 20,273 पंजीकरण के मामलों की जांच की गई। इनमें से 10,077 मामले ने पंजीकरण के 3,377 संशोधन, 3,784 पंजीकरण रद्द कराने के, 1,966 स्वत: निरस्तीकरण के और 1,069 मामले पंजीकरण समाप्त करने से संबंधित है।
लॉकडाउन में 10 हजार से ज्यादा जीएसटी पंजीकरण