मुंबई में मेट्रो विस्तार के लिए शुरू की गई पेड़ों की कटाई के विरोध में मुंबई वासियों ने 'चिपको आंदोलन' के साथ 'आरे बचाओ' 'सेव आरे' आंदोलन करना शुरू कर दिया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई के हरियाला भरे क्षेत्र आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है और शुक्रवार से पेड़ों को काटने के आदेश दे दिए हैं।
आपको बता दें कि आंदोलन कर रहे लोगों को मुंबई पुलिस ने खदेड़ दिया है और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं आरे कॉलोनी में शनिवार सुबह तक मशीनों के जरिए करीब 1 हजार पेड़ों को काट दिया गया है। तो वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा और शिवसेना के गठबंधन एनडीए से वर्ली सीट के उम्मीदवार आदित्य ठाकरे 'सेव आरे' मुहिम चलाने वाले लोगों के पक्ष में उतरे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा है कि मेट्रो विस्तार के नाम पर पेड़ों को काटना शर्मनाक है। इससे पहले 2014 में वर्सोवा से घाटकोपर से मेट्रो को विस्तार शुरू किया गया तो पार्किंग शेड के लिए 23,136 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में फ्लोर स्पेस इंडेक्स निर्माण होना था।
मुंबई मेट्रो परियोजना से जुड़ी एजेंसी को फिल्म सिटी गोरेगांव वाले इलाके की आरे कॉलोनी काफी पसंद आई थी। सघन पेड़ों वाला यह इलाका आरे जंगल भी कहलाता है। इस इलाके में पेड़ ही पेड़ हैं और पार्किंग शेड के लिए मैदानी भाग चाहिए था, जिसके लिए कंपनी को यहां पेड़ों की कटाई की जरुरत थी।
पेड़ों की कटाई को लेकर आस-पास रहने वाले लोगों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया। विरोध के बाद राज्य सरकार ने कंपनी से मेट्रो शेड के लिए कोई और जगह तलाशने के लिए कहा है। कंपनी की लाख कोशिश के बाद उन्हें कोई खाली मैदानी जमीन नहीं मिली।
ऐसे में कंपनी के सामने एक बार फिर से आरे जंगल का विकल्प था। शेड बनाने के लिए यहां 2702 पेड़ों की कटाई होनी थी। सेव आरे मुहिम चला रहे लोग ऐसे में कोर्ट की शरण में गए, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी। हाईकोर्ट द्वारा याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार से पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई।