सहारनपुर। उप खनिज नियमावली का कुछ अधिकारियों की शह पर जिले में खुलेआम
माखौल उड़ाने की तैयारी के विरूद्ध तत्कालीन कमिश्नर संजय कुमार द्वारा
तकनीकी टीम को शामिल कर बिठाई गई जांच में दूध का दूध और पानी का पानी
अलग होने कमिश्नर ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए थे कि जांच टीम की
रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करते हुए 3 दिन में रिपोर्ट दें। इस मामले
में कमिश्नर के आदेश का अनुपालन करने की वजाय जिले के अधिकारी उस रिपोर्ट
को झूठी साबित करने के लिए पुनः नई जांच शुरू कर दिए हैं। इसको लेकर
संबन्धित गांव में आक्रोश का माहौल बना है,वह प्रदर्शन भी कर सकते हैं और
हाईकोर्ट भी जाएंगे।
तत्कालीन कमिश्नर संजय कुमार से तहसील बेहट के गांव धौलरा के अंकित कुमार
पुत्र प्रीतम सिंह और कुछ ग्रामीणों द्वारा की गई थी कि उनके गांव में
नियम में को दर किनार कर खनन विभाग की मिली भगत से खेत से रेत निकालने के
लिए परमिशन दिया जा रहा है। कमिश्नर संजय कुमार ने इस मामले में अपर
आयुक्त प्रशासन डी.पी.सिंह की अध्यक्षता में सहायक अभियन्ता सेतु निगम,
अधिशासी अभियन्ता सिंचाई और उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण की टीम बनाई थी।
टीम ने शिकायत में आरोपित विभाग को छोड़ मौके पर राजस्व विभाग के साथ जांच
की और ग्रामीणों से नदी के बहाव को लेकर भी बात करने के बाद अपनी संयुक्त
रिपोर्ट कमिश्नर को प्रेषित कर दी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर
ने जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को लिखे पत्र में निर्देश दिए थे कि उनके
द्वारा गठित टीम ने जो आख्या उपलब्ध कराई है उसमें उल्लिखित है कि ख.नं.
13,14 व 15 का निरीक्षण किया। तीनों भूखण्ड सोनू कुमार आदि के नाम
संकमणीय भूमिधरी के रूप में दर्ज है । इन भूखंडों की स्थिति यमुना नदी से
बचाव हेतु बनाए गए बांध के अन्दर है तथा बांध से दूरी लगभग 150 मीटर है।
इन भूखंडों से नदी की मुख्य धारा लगभग 700 मीटर की दूरी पर है। गाटा
संख्या-13, 14 व 15 के पास ही बन्धे के बचाव हेतु स्टोन वायरकेट रखी हुई
है, जिससे प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि इस स्थल पर बाढ़ की स्थिति
में बांध को खतरा हो सकता है। जहां तक प्राथमिक विद्यालय का संबंध है यह
भूखंड संख्या-18 में स्थित है तथा बांध के बाहर है। बाढ़ के दिनों में
जलस्तर बढ़ने पर इन भूखंडों में खनन के उपरान्त भूस्तर नीचे होगा जिससे
नदी के बहाव की धारा बांध के समीप होने की प्रबल आशंका है, जिससे बांध
क्षतिग्रस्त होने एवं बांध के समीप स्थित आबादी प्रभावित हो सकती है।
बांध के इतने समीप खनन किया जाना बांध की सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं
है। कमिश्नर के इस पत्र पर कार्रवाई की वजाय परमिशन के लिए आवेदित
कास्तकार से प्रभावित होकर शिकायत में आरोपित विभाग ने जिले स्तर पर जांच
टीम बनवा ली है। उस टीम ने बीते 12 नवम्बर को मौके पर जांच भी की है।
जांच कराने के दौरान टीम के साथ सिर्फ परमिशन के लिए आवेदन करने वाला
किसान ही था। सूत्रों ने बताया कि जिले स्तर की टीम जो रिपोर्ट तैयार कर
रही है वह कमिश्नर द्वारा बनाई गई जांच टीम के विपरीत है। जिले की जांच
रिपोर्ट पर यदि कार्रवाई हुई तो पेशे से अधिवक्ता शिकायतकर्ता दोनों
रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट की शरण में जाएगा और जिम्मेदारों की भी पोल
खोलेगा।
कमिश्नर के आदेश को न मानने के लिए जिले स्तर पर शुरू हुई जांच गांव धौलरा में कृषि भूमि से सिल्ट हटाने पर कमिश्नर ने जांच करा लगाई थी रोक, मचा हडकम्प
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